प्यार लगाव
कुछ भी नहीं होते
भीतर भरी
फितरती हो कर
चाहता कुछ
उसे यूँ बहकाते
कभी मन गवाही
देता है कुछ
हो जाता कुछ और
कठिन होता
प्रेम के पाठ पढ़े
पढ़ाए जाते
ह्मारी समझ से
बाहर होते
उसका आनंद ही
कुछ और है
कह कर
मनाना
प्रेम प्यार में
कठिन नहीं होता
प्रेम का
रंग
गहरा होता जब
अपने साथ
गैर की तलाश क्यों
करना चाहे
जब हो तुम
साथ
मेरे अपने
सदा रहते साथ
सुख दुःख में
क्यूँ गैरों की तलाश |
आशा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर टिप्पणी क्र लिए |
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसार्थक सृजन ! बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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