11 मार्च, 2021

iशिवरात्रि

 


शिवजी की बरात निकली

 बहुत धूमधाम से

शिव पार्वती मिलन हुआ

विधि विधान से |

पार्वती ने पाया था

 मनोनुकूल वर

कठिन तपस्या से

तभी नाम हुआ अपर्णा उनका   |

रूप अनूप जोड़ी का

 देखते नहीं थकते दृग

दर्शन हुए बड़े भाग्य से |

हर वर्ष मनाया जाता

विवाह उत्सव उनका

 शिवरात्रि के रूप में |

बेल पत्र व् पुष्प चढ़ाते  

हल्दी कुमकुम दूध चढाते  

 भोग लगाया जाता

विधि विधान से |

उपवास दिन भर रखते

फल फूल से पेट भरते

भोले नाथ की माला जपते

बहुत यत्न से  |

मन चाहा पाने की

  लालसा सदा रही  मन में

 वरद हस्त प्रभू का

  सर पर हो  सदा  

यही रहा  मन  में |

आशा

 

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना।
    --
    महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. वाह ! पावन पर्व का सुन्दर चितरन ! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  3. सुप्रभात
    मेरी रचना की सूचना के लिए धन्यवाद मीना जी |

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  4. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  5. बहुत ही सुन्दर व दिव्य भावों से ओतप्रोत मुग्ध करती शिव वंदना कविता - - साधुवाद सह।

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  6. बहुत ही सुंदर शिव वंदना आदरणीय दी,सादर नमन आपको

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