12 मार्च, 2021

भाग्य में क्या लिखा है

 यह मेरी समझ से बाहर है

मेरे भाग्य में क्या लिखा है ?

जब भी आकलन करना चाहूँ  

स्वयं पर हंसी आती है मुझे |

क्या फिजूल की बातें ले बैठा

विचारों की कोई सीमा नहीं है

वे बहते हैं नदी के जल के प्रवाह से

कभी रुकते हैं किसी बड़ी बाधा से  |

पर कभी उस का भी प्रभाव नकार देते हैं

मनमानी करने की जिद्द ठान लेते हैं

दोराहे पर खडा हूँ किसे अपनाऊँ 

 पर बड़ा दुःख दे जाते हैं

 यही मुझे सालता रहता है |

 इस झमेले से कैसे निजात पाऊँ

खुद  सम्हल कर पाँव बढाऊँ

जब खुद पर ही नियंत्रण नहीं रहा मेरा  

किसी और को क्या समझाऊँ |

आशा

15 टिप्‍पणियां:

  1. भाग्य बहुत बलवान , उसके आगे किसी कि नहीं चलती .

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    1. सुप्रभात
      संगीता जी टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद |

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  2. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |

      हटाएं
  3. भाग्य सच में बहुत बलवान होता है ! सुन्दर रचना !

    जवाब देंहटाएं

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