13 मार्च, 2021

सच और झूट का अंतर

 

किस ने कहा तुमसे  हर बात  

जैसी  की तैसी  ही मान लो |

अपनी बुद्धि भी कभी  तो  खर्च करो

 ज्यादा नहीं तो कुछ तो लाभ हो  |

केवल कानों से  सुने और निकाल दें

यूँ ही आडम्बर जान यह भी ठीक  नहीं |

कभी सच्ची  बात नजर नहीं आती

जब झूटी अपना  फन फैलाती |

मुस्कान  तिरोहित हो जाती जब सच्चाई समक्ष  आती |

सच  झूट में  दूरी है  बहुत  कम जान लो

 आँख और  कान का है जितना फासला पहचान लो |

26 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 14 मार्च 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सुप्रभात
      धन्यवाद टिप्पणी के लिए कुमार जी |

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  3. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद टिप्पणी के लिए शिवम् जी |

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  4. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी हेतु आभार सहित धन्यवाद आलोक जी |

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार ( 15 -03 -2021 ) को राजनीति वह अँधेरा है जिसे जीभर के आलोचा गया,कोसा गया...काश! कोई दीपक भी जलाता! (चर्चा अंक 4006) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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    1. सुप्रभात
      सूचना के लिएआभार सहित धन्यवाद|

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  7. वाकई सच और झूठ में बहुत बारीक अंतर है ।

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    1. सुप्रभात
      संगीता जी टिप्पणी बहुत अच्छी लगी धन्यवाद |

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  8. सच है ! आँख और कान में जितना फासला है ! सच और झूठ में भी उतना ही फासला है ! सुन्दर प्रस्तुति !

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    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |

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  9. किस ने कहा तुमसे हर बात
    जैसी की तैसी ही मान लो |
    अपनी बुद्धि भी कभी तो खर्च करो
    ज्यादा नहीं तो कुछ तो लाभ हो |
    सरलतम शब्दों में कितना अच्छा संदेश !

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    1. सुप्रभात
      मीना जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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  10. किस ने कहा तुमसे हर बात

    जैसी की तैसी ही मान लो |

    अपनी बुद्धि भी कभी तो खर्च करो

    ज्यादा नहीं तो कुछ तो लाभ हो

    बहुत सुंदर रचना आदरणीय आशा जी

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  11. सुप्रभात
    सवाई सिंह जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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  12. बिल्कुल सटीक बात को उठाती अनोखी रचना.. यथार्थपूर्ण भी..कभी समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर भी पधारें आदरणीय आशा जी, आपको मेरा सादर नमन ..

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  13. सच झूठ में दूरी है बहुत कम जान लो

    आँख और कान का है जितना फासला पहचान लो

    बिल्कुल सही कहा आपने....सुंदर प्रस्तुति...

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  14. सच झूट में दूरी है बहुत कम जान लो
    आँख और कान का है जितना फासला पहचान लो
    बहुत सही.. जीवनोपयोगी सीख । सुन्दर सृजन ।

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  15. सच कहा आपने आदरणीया दी।

    मुस्कान तिरोहित हो जाती जब सच्चाई समक्ष आती |
    सच झूट में दूरी है बहुत कम जान लो
    आँख और कान का है जितना फासला पहचान लो |..वाह!

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