1-बंसी बजैया
श्याम सुन्दर कान्हां
मन को भाया
2-तेरी
ये माया
तूने क्यूँ भरमाया
न जान पाया
3-कैसी
ममता
कितना भरा प्यार
क्या है स्नेह
4-खुशी
भी तेरी
दुखी भी तुम नहीं
फिर है क्या
५-राधा है शक्ति
मदन मोहन की
मीरा है भक्ति
६-माँ यशोदा
वासुदेव पिता हैं
घनश्याम के
७- श्याम सलोने
मोहन राधा जी के
श्याम दुलारे
आशा
राधा है शक्ति
जवाब देंहटाएंमदन मोहन की
मीरा है भक्ति
सुप्रभात
हटाएंधन्यवाद कविता जी टिप्पणी के लिए |
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (16-3-21) को "धर्म क्या है मेरी दृष्टि में "(चर्चा अंक-4007) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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कामिनी सिन्हा
सुप्रभात
हटाएंकामिनी जी मेरी रचना की सूचना के लिए आभार सहित धन्यवाद
बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंजय श्री कृष्ण।
सुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सर|
जय श्री कृष्णा सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंसवाई सिंह जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |