17 अप्रैल, 2021

आराधना

 


देवी मां की आराधना है

सबसे बड़ा काम

अभी मेरे लिए

इसके बिना नहीं विश्राम |

पूरे तन मन से

सेवा तेरी करू

कोई कमीं न रह जाए

यही सोचा करू |

 शक्ति मुझे देना माता

 तन मन से तेरी सेवा करूं

तेरा वरद हस्त हर हाल में रहे

सदा मेरे मस्तक पर |

मुझे  कुछ नहीं चाहिए

तेरी निगाहेकरम के सिवाय  

मुझ पर से कभी न हटे

 दया प्रेम तेरा 

तेरे रहमोंकरम पर

 निर्भर हो  जीवन मेरा 

 तेरी छत्रछाया में 

बीते जीवन सारा |

तेरी बांह पकड़   

भवसागर के पार उतर पाऊँ

यही है एक अरमां मेरा

माता तू ही है सहारा मेरा |

आशा 

7 टिप्‍पणियां:

  1. जय माँ जगदम्बे की ! बड़ा पार करो माँ !

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  2. सुप्रभात
    मेरी रचना को शामिल करने कीं सूचना के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं

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