कितने कागज़ काले करोगे
किसी पर कोई प्रभाव न होगा
उन्हें पढ़ कर जब तक
उसे कोई प्रलोभन न हो |
हर शब्द बोलेगा तुम्हारे लेखों का
जब तक कोई लालच रहेगा
उसका वही लालच छिपा रहता
किसी कार्य को पूर्ण करने करवाने में |
उसे कोई शर्म लिहाज नहीं है
पीछे से कुछ लेनदेन में मेज के नीचे से
अब सारे आदर्श हवा हो गए
समय के साथ उसका भी सोच बदला है |
वह हुआ एक ऐसा उदाहरण
कार्य कैसे किये जाते हैं
मुठ्ठी गर्म होते ही फाइल आगे बढ़ती है
कार्य की गति द्रुत हो जाती है |
न जाने कितने लोग
फंसे हैं इस दलदल में
कार्य संपन्न होते ही सारा यश
खुद ही हड़प लेते हैं |
उन्हें कोई शर्म नहीं आती
ऊपर की कमाई में
उलटे समाज में कद बढा लेते हैं
समाज सेवी कहला कर |
आशा
धनवान समाजसेवी कहला कर |
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार पर सटीक प्रहार ! आजकल रिश्वत खोरी इतनी आम हो चुकी है कि लोग इसे अपनी योग्यता और व्यवहारकुशलता के रूप में सबके सामने सीना ठोक कर बताते हैं !
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