28 जून, 2021

एक समाज सेवी ऐसा भी


 

कितने कागज़ काले करोगे

किसी पर कोई प्रभाव न होगा

उन्हें पढ़ कर जब तक

उसे कोई प्रलोभन न हो  |

हर शब्द बोलेगा तुम्हारे लेखों का

जब तक  कोई लालच  रहेगा

उसका वही लालच छिपा रहता 

 किसी कार्य को पूर्ण करने करवाने  में |

उसे कोई शर्म लिहाज नहीं है 

पीछे से कुछ लेनदेन में मेज के नीचे से

अब सारे  आदर्श हवा हो गए

समय के साथ उसका भी सोच बदला है |

वह हुआ एक ऐसा  उदाहरण

 कार्य कैसे किये  जाते हैं

मुठ्ठी गर्म होते ही फाइल आगे बढ़ती है

कार्य की गति द्रुत हो जाती है |

न जाने कितने लोग

 फंसे हैं इस दलदल में

कार्य संपन्न होते  ही सारा यश

खुद ही हड़प लेते हैं |

उन्हें कोई शर्म नहीं आती

ऊपर की कमाई में

उलटे  समाज में कद बढा लेते हैं

समाज सेवी कहला कर |

आशा 




धनवान समाजसेवी कहला कर |

3 टिप्‍पणियां:

  1. भ्रष्टाचार पर सटीक प्रहार ! आजकल रिश्वत खोरी इतनी आम हो चुकी है कि लोग इसे अपनी योग्यता और व्यवहारकुशलता के रूप में सबके सामने सीना ठोक कर बताते हैं !

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