27 जून, 2021

रौद्र सागर का हादसा


 

सागर में आईं उत्तंग लहरें

तांडव मचा रखा है सब ने

भयावह तवाही हुई है 

 सारा सामान बहा है | 

 घर द्वार सब ध्वस्त हुआ  

 उस हादसे में 

सर छुपाने  को  जगह नहीं 

 अब क्या करूँ |

सारी सुख सुविधा बहा ले गईं

रौद्र समुद्र की  लहरें 

 एक ही झटके में

अब चिंता है 

कैसे  इस का सामना करूं  |

फिर वैसी ही दशा होगी

 पहले जैसी 

जिसकी भी पहचान रही

 रसूकदार  हस्तियों से

वे उस पर महरवान हुए

 जल्दी मदद मिली उस को |

निचले तपके का आदमी 

रह गया  खाली हाथ  

बड़े प्रयत्न किये तब भी

कोई सहायता  न मिली उसको |

अब सोच रहा है  खड़ा खड़ा

आधी उम्र तो खर्च  हो गई

 पहले की  स्थिति तक पहुँचने में

 और कितनी परिक्षा लोगे  ईश्वर |

आशा

4 टिप्‍पणियां:

  1. सच है ! प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आकर इंसान पूरी तरह बर्बाद हो जाता है और फिर दोबारा खड़े होने में सारी उम्र बीत जाती है ! सार्थक सृजन !

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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