26 अगस्त, 2021

हाइकु


 


कब कहना

कितना है कहना

सार्थक यहाँ

 

मनभावन

दृश्य देखते हुए

नेत्र न थके

 

कहाँ हो राम

कहीं नहीं विश्राम

इस जग में

 

तुम्हारे बिना

 सूनी लगी दुनिया

मैं क्या करती 

 

बंधन बांधा

है कच्चे धागों का

फिर भी पक्का

 

ना जाना वहां

जहां प्यार नहीं हो

ना हो अपना  

आशा

4 टिप्‍पणियां:

Your reply here: