25 अगस्त, 2021

हो उदास क्यों


                                                दिखते हो उदास किस लिए 

राखी के शुभ अवसर पर

क्या राखी नहीं आई बहिन की

या ड्यूटी पर हो तैनात इस लिए |

घर परिवार सब कुछ छोड़ा

यदि माया मोह में फंसे रहे 

 कैसे न्याय कर पाओगे

 देश की सुरक्षा के प्रति   |

हो धीर वीर कर्तव्य निष्ठ

 हो सच्चे रखवाले  देश के

 गर्व से सर उन्नत हुआ है 

 तुम्हारा शौर्य देख |

रणभूमि में पाई सफलता

बहिन हुई निहाल

 प्रशंसा करते न थकती

शौर्य का पदक देख |

 है भाई बहादुर वीर

भयभीत नहीं किसी रण से

सीमा पर तैनात मुस्तैदी से

अगली पंक्ति में  मोर्चे पर|

सूर्य की प्रथम किरण के आते ही 

सैनिक का हो जाता जीवन व्यस्त    

रात्रि तक विश्राम नहीं    

नियमित जीवन जी रहा ईश्वर को नमन कर |

रक्षा बंधन  का क्या है

 राखी इस बार न बंधी  तो क्या

बाँध रक्षा सूत्र त्यौहार अगले वर्ष

 मना लेंगे सोचा बहिन ने |

 पहले कर्तव्य फिर कुछ और

 यही विचार आता है मन में  

फिर भी अंतस के किसी कौने में रहता

क्या आज भाई न आएगा |

आशा 

8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभार
    आभार सहित धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए
    \

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  2. देश के वीर जवानों के सारे वार त्यौहार देश की सुरक्षा पर न्यौछावर रहते हैं ! ऐसे ही नहीं वो असाधारण, अजेय, अपराजेय कहलाते हैं !

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-08-2021को चर्चा – 4,168 में दिया गया है।
    आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद सहित
    दिलबागसिंह विर्क

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  4. हमारे वीर बांकुरों को ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं प्रभु इन्हे सदा सुरक्षित रखें ये भी व्रत त्योहार मनाते चलें , सुंदर रचना जय हिंद

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