कितनी शिकायतें सुननी होंगी
उसका अंदाज नहीं है क्या ?
फिर भी कूद रहे हो बिना तैयारी के
जिन्दगी के मैदाने जंग में |
कितनी बार सबने समझाया
पहले सोचो फिर कार्य करो
यदि दिल दिमाग जाग्रत रखोगे
कभी न पछतावा होगा |
भावुक होना जल्द्बाजी में
उसी सोच पर कार्य करना
असफल रहे यदि यत्न न किया
सर न उठा पाओगे |
घुटन होगी असफल हो कर तब
कितनी ही बार सोचोगे
पहले ही यदि सोच लिया होता
यह दिन न देखना पड़ता |
आँखें खुली रख जब दिल से सोचोगे
तब भी किसी हद तक सफल रहोगे
दिल का सोच सही नहीं होता
यदि प्रतिफल न मिला पछताओगे |
केवल भावनाओं में जीने से
कोई सफल नहीं होता
दिल दिमाग दौनों हैं आवश्यक
सफलता पाने के लिए |
साहस के बिना भी कुछ न होगा
प्रयत्न पूरी शिद्दत से करना होगा
इस शिक्षा पर यदि चलोगे तभी सफल होगे
जिन्दगी की कठिन परीक्षा में |
सफलता तुम्हारे कदम चूमेंगी
समाज तुम्हें देगा सम्मान
गिनी चुनी हस्तियों में होगा नाम तुम्हारा
यथोचित सम्मान तुम पाओगे |
आशा
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (19-9-21) को "खेतों में झुकी हैं डालियाँ" (चर्चा अंक-4192) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
Thanks for the information of the post
हटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार कामिनी जी मेरी रचना की सूचामा के लिए |
प्रेरित करती बहुत ही बेहतरीन रचना!
जवाब देंहटाएंThanks for the comment manisha
हटाएंबहुत बढ़िया ! बिलकुल सही सुन्दर सन्देश दिया है रचना में ! प्रेरक सृजन !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंकेवल भावनाओं में जीने से
जवाब देंहटाएंकोई सफल नहीं होता
दिल दिमाग दौनों हैं आवश्यक
सफलता पाने के लिए |
सुंदर रचना आदरणीय ।