04 अक्टूबर, 2021

हाइकु


 

·         

Bottom of Form

हाइकु मेरे

पूर्ण हैं या अपूर्ण

नहीं जानती

 

बिल्ली आई है

चूहे तेरी न खैर

कजा आई है

 

प्यार है मेरा

बिकाऊ नहीं यह

है अनमोल

 

जीत व् हार

दो पहलू सिक्के के

एक हमारा

 

जीना मरना

मनुष्यों के लिए ही

है आवश्यक

 

प्यार है मेरा

बिकाऊ नहीं यह  

है अनमोल

 

एहसास है

अपने अस्तित्व का

भूला नहीं हूं


जलधि जल 

मीठा न होता कभी 

सदा से  खारा 


प्यासा रहा हूँ 

सागर तट पर

मुहँ न धुला

 

अधूरी प्यास 

बटोही तेरी रही 

 सागर तीर 

 

मीठी है वाणी 

 बोलों की है छुआन 

कटूता नहीं      

 

आशा

 

11

2 टिप्‍पणियां:

Your reply here: