26 दिसंबर, 2021

हूँ कवी कोई शायर नहीं


हूँ कवी शायर नहीं हूँ
माना शब्दों की हेराफेरी करता हूँ
किसी का दिल न हो आहत
फिर भी ध्यान रखता हूँ |
हूँ एक रमता जोगी
कोई घर न ठिकाना
जहां थोड़ा सा प्यार मिया
वहीं कदमों का थम जाना |
यही फितरत है मेरी
इससे कभी दूर न हुआ
दो रोटी की भूख जब हुई
लम्बे लम्बे डग भरता हूँ |
हूँ एक प्रकृति प्रेमी
हरी भरी वादियों को देख कर
मन की प्यास बुझा लेता हूँ
कोई चिंता नहीं करता हूँ |
आशा

4 टिप्‍पणियां:

  1. कवि और शायर में क्या अंतर होता है बतायेंगी ! कवि हिन्दी का शब्द है शायर उर्दू का ! काम और फितरत दोनों की एक जैसी ही होती है ! नहीं क्या ?

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |तुम्हारा ख्याल सही है अनजान व्यक्ति के लिए दोनो शब्दों का एक ही अर्थ है पर शायरी बनाने के लिए तरीका निस्श्चित है |कविता में ऐसा कुछ नहीं है |

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