29 दिसंबर, 2021

यह दिन जल्दी क्यूँ न आए


                                                      नव वर्ष का प्रथम दिन

 झाँक रहा चिलमन की ओट से

आने को है बेकरार

फिर भी पैर ठिठक रहे |

कहीं कोई व्यवधान

न आ जाए राह में

जैसे पिछले वर्ष राह रोकी

 कोविद की महामारी ने |

त्यौहार का सारा आनंद

  फीका कर  दिया था

 घर के अन्दर ही कैद किया था

 सरकार ने  लौक डाउन से  |

कभी मन में बेचैनी होती

इतना इन्तजार किस लिए

कब तक राह देखी जाए

नव वर्ष जल्दी से क्यूँ न आए |

आशा

13 टिप्‍पणियां:

  1. आशंकाओं के बीच नवबर्ष आगमन।
    सुंदर रचना।

    जवाब देंहटाएं
  2. आगामी नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं ! बहुत सुन्दर रचना ! इस वर्ष औमीक्रोन की दस्तक ने त्यौहार का और नववर्ष का आनंद फीका कर दिया है ! नव वर्ष तो फिर भी आ ही जाएगा अपने समय से ! तो हम भी क्यों न स्वागत करे उसका पूरे जोश के साथ !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर रचना। नववर्ष की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद ज्योती जी टिप्पणी के लिए |

      हटाएं
  4. सुप्रभात
    धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: