नव वर्ष का प्रथम दिन
झाँक रहा चिलमन की ओट से
आने को है बेकरार
फिर भी पैर ठिठक रहे
|
कहीं कोई व्यवधान
न आ जाए राह में
जैसे पिछले वर्ष राह
रोकी
कोविद की महामारी ने |
त्यौहार का सारा
आनंद
फीका
कर दिया था
घर के अन्दर ही कैद किया था
सरकार ने लौक डाउन से |
कभी मन में बेचैनी
होती
इतना इन्तजार किस
लिए
कब तक राह देखी जाए
नव वर्ष जल्दी से
क्यूँ न आए |
आशा
आशंकाओं के बीच नवबर्ष आगमन।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
Thanks for the comment ji
हटाएंआगामी नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं ! बहुत सुन्दर रचना ! इस वर्ष औमीक्रोन की दस्तक ने त्यौहार का और नववर्ष का आनंद फीका कर दिया है ! नव वर्ष तो फिर भी आ ही जाएगा अपने समय से ! तो हम भी क्यों न स्वागत करे उसका पूरे जोश के साथ !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sadhna
हटाएंबहुत सुंदर रचना। नववर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद ज्योती जी टिप्पणी के लिए |
वाह!खूबसूरत सृजन !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment ji
हटाएंबहुत सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंवाह!!!
Thanks for the information of my post
जवाब देंहटाएंThanks for the comment ji
जवाब देंहटाएंThanks for the information
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |