26 जनवरी, 2022

कर्तव्य निष्ठ


 

किया जब इकरार किसी से

उसे पूरा करना है तन मन से

यही सीखा है अपने अनुभवों से  

  किसी  पर बोझ न बनना   |

 कर्तव्य पूर्ण करो निष्ठा से

यही समर्पण तुम्हें सफलता देगा  

जो भी मिलेगा तुमसे

 हल्कापन महसूस करेगा खुद में |

अपार शान्ति होगी उसके मन मंदिर में

यही कार्य होते हैं परोपकार के

यही शिक्षा मिली है समाज से

 तुम क्यों रहे हो  दूर इससे |

 निष्ठा है आवश्यक परोपकार के लिए

दिखावे से कुछ न होगा

जब इसपर कदम रखोगे

सफल होते जाओगे |

लोग तुम्हें नाम से जानेगे

तुम्हारे काम से जानेगे

सफल व्यक्तित्व के धनी होगे

उससे ही पहचाने जाओगे |

कार्य जो हाथ में लिया हो

जब पूरा होगा तुम्ही पहचान बनोगे  

उसी सफलता के धन से  

तुम  ही पहचाने जाओगे |

आशा

2 टिप्‍पणियां:

  1. कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति के मन में सदैव सुख और संतोष की भावना होती है और समाज भी उसे सम्मान देता है ! सार्थक सृजन !

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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