16 मई, 2022

देश के रखवाले



तुम सपूत भारत के रखवाले अपने घरवार से बिछड़े 

 यह साहसिक कदम उठाया 

 परवाह न की कभी दीन दुनिया की 

देश हित में रमें अपनी जान जोखिम में डाली |

 कितनी भी विपरीत परिस्थितियां आईं  

हिम्मत कभी न हारी

 कर्तव्य से पीछे न हटे

 घरवार  प्रभु के भरोसे किया |

कर्तव्य पर हुए न्योछावर 

देश को है गर्व है

 उन  वीर सपूतों पर 

जिनने दी कुर्वानी देश के लिए 

जात पात का बंधन न माना

किया न्योछावर देश पर  खुद को |

धर्म ने कभी न बांटा एक बात याद रही

प्रथम कर्तव्य से बंधे हैं बाक़ी सब गौण

एक साथ मिल जुलकर रहे सीमा पर 

 हम हैं हिन्दुस्तान के रखवाले |

आशा

5 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज मंगलवार (17-5-22) को "देश के रखवाले" (चर्चा अंक 4433) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ------------
    कामिनी सिन्हा

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. -आभार कामिनी जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए

      हटाएं
  2. बहुत सुन्दर रचना ! देश के वीर सपूतों को शत शत नमन !

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: