18 मई, 2022

परिवार दिवस

                                                                 


                                                               पहले कहा जाता था 

हो परिवार  भरा पूरा

फिर कहा जाने लगा

हम दो हमारे दो |

 कभी किसीने न जाना

है महत्व इसका  क्या

अब मनने  लगा

विश्व परिवार दिवस |

जब अति जनसंख्या की हुई

और सीमित संसाधन  हुए 

घबराए  लोग जन संख्या बढ़ने से

वही विचार मन में आया

सीमित परिवार सुखी संपन्न  |

यह बात बारम्बार  दोहराई जाती

हो परिवार भरा पूरा

कभी यह बात कही जाती

छोटा परिवार ही सबसे अच्छा |

वह परिवार है सबसे अच्छा

बड़ा परिवार हो  या सीमित 

 जहां तालमेल हो आपस में

घर में खुशहाली हो

हों सभी एक मत विचारों में |

वह घर  स्वर्ग हो जाता

जहां  परिवार की बेल फले फूले

परिवार दिवस मनाना न पड़ता

सामंजस्य जब होता घर में |

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19.5.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4435 में दिया जाएगा| चर्चा मंच पर आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
    धन्यवाद
    दिलबाग

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    उत्तर
    1. आभार दिलबाग जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

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  2. साहित्यिक परिवार में ढूँढ़ रहे हैं खुशियाँ
    बढ़िया लेखन

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं

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