19 मई, 2022

क्षणिकाएं

 

१-मैंने तो सच कहा है

लागलपेट उसमें ना कोई

इस पर भी यदि बुरा मानो

सोच लेंगे कुछ हुआ ही नहीं|

 

२-तुम हो हो धीर गंभीर जलधि जैसे

वह है चचल चपल बिजुरिसा सी

 बेमेल मिलन हुआ कैसे

वह सोच न पाई गंभीरता से |

 ३-अल्लाह कहो या राम रहीम 

किसी भी  पुस्तक में

नहीं  लिखा है  ये है भिन्न भिन्न

 अलग नहीं सब एक हैं दुनिया के तारक

 जगत  के पालनहार प्रकृती के संचालक |

४-, पर्यावरण आसपास का और हरियाली

नदी समुन्दर चाँद  सितारे वायु  धरा   

 सूर्य देव के बिना हैं असम्भव

अन्य गृह सौर मंडल के लगते  आकर्षक दूर से

 |ख्याली पुलाव बनाने से क्या फाय्दा

                      यदि सच में उसे बनाया होता तब और बात होती

जिन्दगी तो तनिक ठहर भी  जाती पर

तुम तारीफ की हकदार होतीं |

आशा 

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