26 सितंबर, 2022

देवी आराधना

देवी मैया ओ  अम्बे मैया 

कर दो मेरा बेड़ा पार भव सागर  से 

तुम तक सरलता से पहुंचूं    

खाऊँ न  हिचकोले मध्य भवर   में |

बड़ी बड़ी लहरें आई हैं  मुझे डरानें 

भव सागर से  कैसे बेड़ा पार लगाऊँ 

तुम्हारी शरण आई हूँ माता 

दिन रात तुम्हारा ध्यान करूं 

 दो मुझे मुक्ति इस दुनिया से 

अपनी शरण में  लेलो मेरी अम्बे 

चोला आज चढाऊं मैं जगदम्बे 

 भजन तुम्हारे गाऊँ माता 

कभी भुला न पाऊं तुम्हें 

जीवन भर सेवा करती रहूं तुम्हारी 

तुमसे दूर न जा पाऊँ माँ |

आशा सक्सेना 

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