27 सितंबर, 2022

कविता के कई रूप

कविता के कितने रूप 

तुम्हें कैसे गिनवाऊँ 

कुछ होतीं अकविता 

पढने में रुचिकर लगतीं |

कुछ होतीं छंद रूप में 

पढने में बहुत रोचक लगतीं 

पर लिखने में बहुत क्लिष्ट 

कभी मात्राओं  में त्रुति हो जाती  

कभी लय भंग हो जाती 

पर सही लिखी न जाती 

दोहा ,सौराठ ,छंद चौपाई 

लेखन है कठिन बड़ा |

जब सही नहीं लिख पाती 

मन क्षोभ में डूबा रहता 

अपने से वादा करती

छंदबद्ध रचना  अब नहीं लिखूंगी |

अधूरा ज्ञान होता है घातक 

पर जब प्रयत्न ही नहीं करूंगी 

कैसे सीख पाऊंगी उन्हें लिखना 

भावों को छंदबद्ध करना |

मैंने सोचा कई बार प्रयत्न भी किया 

पर असफल रही 

फिर भी कोशिस करती रही 

हार नहीं मानी |

आशा सक्सेना 

7 टिप्‍पणियां:

  1. इसी वजह से हमें भी रबड़ छंद बहुत भाता है

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  2. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ! मेहनत का फल मीठा होता है !

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  3. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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