24 नवंबर, 2022

प्रगति मार्ग अवरुद्ध हुआ


 

सब ने वही किया

जो मैंने करना चाहा

किसी को टोका न गया मेरे सिवाय

यही कारण था मेरी प्रगति के अवरोध का |

जब भी मेरा उत्साह बढ़ा

घर के लोगों ने प्रोत्साहित किया

किसी से तुलना नहीं की मेरी

बाहर से ही टोका टोकी की गई थी |

आज में जिस स्थान पर खड़ा हूँ

अपने गुणों से ही वह योग्यता पाई है 

पर किसी  को तब भी सहन न हुआ

और मुझे अवमानना सहनी पड़ी |

मैंने जो हांसिल किया अपनी लगन से ही  किया

इसमें हूँ पूर्ण संतुष्ट मैं

अपनी आगे बढ़ने की चाह से नहीं दूर हूँ मैं

मुझे संतुष्टि  मिली है अपनी सफलता से |

क्या हुआ पूरी सफलता न मिल पाई  

अब डोर मिल गई है जिसका सहारा लिए हूँ

जब भी मेरी पहुँच गंतव्य तक होगी

मेरा जीवन सफल हो जाएगा |

आशा सक्सेना

 

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल सत्य कहा ! खुद पर भरोसा होना चाहिए लक्ष्य अपने आप हासिल होने लगता है ! सार्थक रचना !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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