कलाकार के मन का सोच
मेरा मन खोखला हुआ
अब सोचने का कोई लाभ नहीं
कैसे जीवन भी बड़ा बोझ हुआ
मैं सोच कर हैरान हुआ |
कितनी कहानी फिल्माईं
कोई सही कोई गल्प लगी
पर देखने में बुरा क्या है
कला की अनमोल निधी सहेजी है
|
यही सब विचार मन में रहते
हैं
उन को उम्दा रंग मंच मिला
यदि दर्शक साहित्यिक मिले
चार चाँद लगे प्रस्तुति में
सप्त रंग छाए |
मन को पुरूस्कार देने लायक
समझा
मेहनत सफल हुई कलाकारों की
जीवन में नव् चेतना का
संचार हुआ
नया आयाम देखा उनमें |
कितना परीश्रम किया समूह ने
यही उद्देश्य रखा सबके जीवन में
कभी हार नहीं मानेगे
अपने को सफल कलाकार बनाने में |
आशा सक्सेना
कलाकार के मनोभाव का सुंदर विवेचन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बेनामी जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंवाह ! एक कलाकार के अंतर में यही मनोभाव होते हैं ! सुन्दर रचना !
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