10 नवंबर, 2022

शिक्षा जीवन भर चलती


 

 

शिक्षा जीवन भर चलती

बचपन अनुशासन की पहली  सीड़ी

मां रही प्रथम गुरू उस उम्र  की

धीरे से जब कदम बढाए

उम्र ने आगे बढ़ने की राह चुनी  |

 कितने ही गुरू मिले पर

संतुष्टि नहीं मिल पाई

सच्चा गुरू  मिला जब

कुछ नया सीखने को मिला |

पूरा पूरा ज्ञान मिला

मन में  संतुष्टि आई

 खुशी चहरे  पर छाई |

तीसरी सीड़ी पर ध्यान  भटका

कहीं अटकने का मन हुआ पहले

पर ठोकर खाई पहले पैर लड़खड़ाए

पर झटके से सम्हले आगे बढे|

चतुर्थ चरण में  राम नाम का आकर्षण हुआ

आने वाले कल की  याद में

मुक्ति के कपाट खुले देख  

आगे बढ़ने की राह मिली

 जीवन को सद्गति मिलती |

आशा सक्सेना 

 

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