सागर में सीपी ,सीपी में मोती
जिस मोती में आव होती
यही तो उसकी है पहचान
जो सब में नहीं रहती |
कुछ ही ऐसे मोती होते
जिन में आव स्थाई रहती
यही स्थाईत्व बहुत कम
जिन मोतियों में रहता वे ही सच्चे होते |
उन जैसी कुछ महिलाए ऎसी होतीं
जिनके मुख मंडल पर गजब की आव होती
वे अलग ही नजर आतीं होतीं
सब से अलग होतीं दूर से ही पहचानी जातीं
यही आव उनकी पहचान होती
मन से सच्ची विचारवान होतीं
होतीं आचरण में शुद्ध सात्विक
यही उनकी विशेषता होती |
आशा सक्सेना
सार्थक सृजन !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंआव होना पहचान है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन।
धन्यवाद सुधा जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंसार्थक सृजन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
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