१-कविता कैसी
मन मोहती रही
वे सराहते
२-श्याम विहारी
मोहन बंसी वाले
हो श्याम तुम्ही
३-मुरली धुन
पर राधा नाचती
श्याम के संग
४-किससे कहूं
मुझे प्यारे लगते
मन मोहन
५-पवन पुत्र
हनुमान जी यहीं
वास करते
६-पुन्य प्रताप
पाया मैंने राम से
हरी राम से
७-किसने कहा
तुम कण कण में
नहीं रहते
आशा सक्सेना
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंसुन्दर हाइकु
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंबढिया हाइकू
जवाब देंहटाएं