25 जनवरी, 2023

दो युगों के प्रतीक


 

राम राज्य को अलग से देखो

है बहुत भिन्नता दौनों में

राम ने किया राज्य प्रजा के हित के लिए

प्रजा के हितों के लिए निजी स्वार्थ न देखा |  

घर को नजर अंदाज किया

धोबी ने जब आक्षेप लगाए

सीता को घर से निष्काषित किया 

सोचा नहीं उसकी दशा के बारे में |

अश्वमेघ यज्ञ किया राजा राम ने  

उनके पुत्रों लव कुश ने राज सभा में 

 सफल राम राज्य का गुणगान किया

सीता ने जीवन पूरा कर धरती में खुद को समाया     कृष्ण ने पूण पुरुष का जीवन जिया

सब की मदद की न्याय संगत बातें की

सही मार्ग दर्शन किया |

जिनमें थी विनम्रता उनका साथ दिया

धूतक्रीड़ा में युधिष्ठर हारे बुरी आदत से की तोवा   कान्हां आ समय पर खड़े हुए

 द्रोपदी का चीर बढाया आकर रक्षा की

भरी सभा में चीर हरण से उसकी रक्षा की 

दुर्योधन से महाभारत करवाया

गीता की शिक्षा अर्जुन को दी

कर्म करो फल की इच्छा न करो

यही सिखाया पान्डु पुत्र को |

उन्हें सफल रक्षक बनवाया अपने राज्य का

पूर्ण पुरुष का जीवन पाया द्वापर युग  में 

अपने अपने युग के यादगार चरित्र रहे दौनों

तभी सफल किरदार हुए दोनों  |

आशा सक्सेना



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