27 जनवरी, 2023

मौसम के उतार चढाव




                                 कितने ही मौसम बीत गए

सुहाने मौसम के इन्तजार में

कभी गरमी कभी सर्दी  

कभी वर्षा की मार है |

हाहाकार मचा सारे देश  में

चैन की सांस नहीं मिलती

 विषम परिस्थितियों में

सभी त्रस्त हुए है |

प्रकृति के दिखाए रौद्र रूप से

है विचलित मन कहां जाएं

 असंतुलन से जीवन भरा

किससे कहें क्या करें |

अब तो यहीं रहना है

कैसे भी नहीं बच पाएंगे

 इस तरह के मौसम से

सहना पडेगा क्या करें  |

बड़े समय के बाद

 कुछ सुधार हुआ  मौसम में

अचानक वायु वेग के कारण

 फिर सर्दी ने सितम ढाया |

लोग दुबके गर्म वस्त्रों में

                                                        कितने ही  ठुठर रहेसूखी i

                              लकड़ियों को एकत्र कर

                                                                  कोई अलाव जलाता   

                              उस की ऊश्मा का आनन्द उठाता

पर कार्यों में देर से पहुँच उपस्थि दर्शाता |

मकर संक्रांति आई  

 वसंत ऋतू का आगाज हुआ

धीरे धीरे संतुलित मौसम हुआ

मौसम खुश रंग हुआ |

आशा सक्सेना

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