13 फ़रवरी, 2023

एक सिक्के के दो पहलू हैं

  

एक सिक्के के दो पहलू हैं  

दोनो बहुत कुछ बोलते है

कहने को बड़े सजग हैं

अपने शब्दों को तोलते हैं |

यदि जानना चाहते हो कारण

 किसी से उलझने का या

कोई उलझा हो अपने आप में

सिक्का उछालते है |

चित है या पट मन में सोच लेते हैं

मन में विचार कर उत्तर भी जान पाते हैं

कितने ही लोग इसे सत्य मानते हैं

 चित पट के विश्वास पर भरोसा करते हैं|

पहले मैंने सोचा इसको भरम समझूं या नहीं

फिर सोचा शायद मै गलत हूँ पर कैसे

मन को विश्वास आए कैसे

यही सच कैसे उजागर हो |

 इसी सच को खोज पाऊँगी या नहीं

जब उसके पास पहुंच पाऊँगी

अपने को सफल पाऊँगी

बहुत खुश हो जाऊंगी |

आशा सक्सेना 

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