14 फ़रवरी, 2023

वेलेंटाइन डे

 

   


जाने क्यों आज सुबह से ही गली में चहलपहल थी |बड़ी जल्दी सब लड़के लड़कियां सज गए  थे |कहाँ तो माँ  जगा जगा  कर थक जाती थीं पर यही कह कर सो जाते थे अभी थोड़ा और सो लूं |

फिर से चादर ओढ़ कर सो जाते |पर आज उसने अलमारी  खोली और ऊपर से लाल गुलाब के फूल की एक डाली निकाली उसे सम्हाल कर अपने नेपकिन में छिपाया और गेट पर आ गया |उसने आवाज दी निन्नी को और बाहर आगया |

निन्नी तो इन्तजार ही कर रही थी |वह चटपट बाहर आईऔर बाउंड्री के बाहर हाथ से गुलाब लिया |

और धीमी आवाज में सुना “ हैप्पी वेलेंटाइन डे |क्या तुम मेरी वेलेंटाइन बनोगी” |

निन्नी ने शर्मा कर अपना मुंह हाथ से छिपा लिया |यह सब नजारा रज्जू की माँ दूसरी खिड़की से देख रहीं थीं| रज्जू ने जब मां को देखा वह  जल्दी से सड़क पर निकल  गया |

आशा सक्सेना 

2 टिप्‍पणियां:

Your reply here: