03 फ़रवरी, 2023

यदि सच्चे दिल से चाहो

 


तुमने की आराधना जब मन से

वह  कृपावन्त हुआ तुम पर  

पर फल की आशा न की जब

अति प्रसन्न हुआ  |

मेरे मन ने यह माना

बिना  मांगे मोती मिले

मांगे मिले न भीख 

जो सोचो सच्चे मन से चाहो  

प्रभु की नजर पड़ जाए अगर   

वह  हाथ बढ़ाना चाहे

यदि दृढ़ आस्था रही तुम्हारे मन में |

तुम मन से सच्चे रहो  

कोई कमी नहीं छोड़ी तुमने

हुई  कृपा ईश्वर की  तुम पर  

यही दिया तुम्हें खुले हाथ से उसने |

अपना हक़ न समझो इसे तुम

यदि जो मिला उस पर गर्व किया  

यही तुम्हारी भूल समझ

पहली गलती मान  क्षमा किया तुमको |

कभी करना नहीं गुमान अपनी प्राप्ती पर

इशारे से समझ लेना भूल को

तभी सफल रहोगे जब याद करोगे बिना प्रलोभन 

प्रभु भी जानता है तुम्हारी मांग को |

 वह  भी परिक्षा ले रहा तुम्हारी 

तुम भी अनजाने में उसे याद करते हो दिल से

किसी का बुरा नहीं चाहते

यही विशेषता है तुममें |

तुम हो उसकी पहली पसंद

है वह  मोहित तुम पर

तुम्हारा व्यवहार है सब से जुदा

हो सब से भिन्न सफल रहो जीवन में |

आशा सक्सेना    

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