19 मार्च, 2023

गीत प्रेम के गाए

 





गीत प्रेम के गाए

कवि ने जब तक जीवन में शांति रही

पर हुआ विचलित मन उसका

 जब महांमारी ने पैर पसारे |

जब मुसीबत आई देश पर

आगे की पंक्ती में खडा रहा

 अपनी रचनाओं से देश के वीर

सपूतों का साहस बढाया |

एक ऐसा कार्य किया जिसने

 मनोवल  बढाया इतना कि वे जुटे

पूरी लगन से देश की रक्षा के लिए

यह रहा  महत्व पूर्ण इतना

 देशवासियों ने  दिल से सराहा

जो भी लिखा देश हित के लिए

उनको सराहा गया पूरे मन से |

यही विशेषता रही वीर रस की रचनाओं में

जब शांति का माहौल बना

बड़ा परिवर्तन दिखने लगा रचनाओं से

कवि की मनोस्थिती की झलक दिखी  

 खुशहाली देश की नजर आई |

 

आशा सक्सेना

 

1 टिप्पणी:

  1. तभी तो कहते हैं साहित्य समाज का दर्पण है ! साहित्य में वही प्रतिबिंबित होता है जो समाज में घट रहा होता है !

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