02 मार्च, 2023

तुम यहाँ कैसे



जब दूर गया तुमसे याद तुम्हारी आई 

ना निंद्रा  आई ना चैन मिला 

आतुर हुआ  घर आने को  
कहीं छुट्टे निरस्त ना हो जाए  |
बहुत दिनों बाद अवसर आया था घर आने का 

  शांति सीमा पर थी 

मेरे घर का द्वार खुला था 
सबको इंतज़ार था 
निगाहें टिकी थी  खाली सड़क पर 
अचानक किसी ने झांका खिड़कीसे 

हाथ हिलाते देखा तुम्हें 

मन बल्लियों उछला 

सब से मिला पहले |

फिर कक्ष में आया 

आश्चर्य हुआ मेरे  मुंह से निकला 

 तुम यहाँ कैसे कैसी परीक्षा हुई

परिणाम कब तक आएगा |

आशा सक्सेना 

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