05 अप्रैल, 2023

कहाँ जाएं किससे करे शिकायत

 


कहाँ  जाए किस से करें शिकायत

अपना कोई नहीं जिसको अपना कहना चाहा

वह गैरों से भी अलग  लगा

 दिखावा ही दिखावा देखा उसके व्यवहार में |

जिसने  अपना  अधिकार जताया

जानने का रिशता  किसी के साथ बताया

दाल में काला नजर आया |

फिर मन न हुआ उसे  अपनाने का

जब मां ने कहा यह है खून का रिश्ता

 तभी अपनाने का मन बनाया

फिर भी पहले जाना परखा तभी अपनाया  |

जब भी उसका व्यवहार देखा

मन में संतुष्टि का आभास

बड़ों के तजुर्वे का हुआ एहसास

मन में शान्ति का अनुभव हुआ |

आशा सक्सेना

 

 

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 06 अप्रैल 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    2. आभार रवीन्द्र जी मेरी रचना को पांच लिंकों का आनंद में स्थान देने के लिए |

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  2. अपना कोई नहीं जिसको अपना कहना चाहा

    वह गैरों से भी अलग लगा

    दिखावा ही दिखावा देखा उसके व्यवहार में |
    बहुत सटीक ...सुंदर।

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  3. संबंधों के चयन में हमेशा फूँक फूँक कर ही कदम रखना चाहिए ! सार्थक सृजन !

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  4. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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