30 अप्रैल, 2023

हम तुम्हारे तुम उसके

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


                                                तुम हमारे नहीं हो पाए कभी 

प्रार्थना हमने भी की दिल से 

पर वही प्यार तुम्हे क्यूँ उससे 

मन सोच रहा कारण खोज ना पाया |

उस में  ऎसी क्या विशेषता देखी 

दो चार दिन  योग किया फिर मन उचटा

मन में अवधान ना रहा यह क्या हुआ |

माया मोह में गले गले तक डूबी

बह चली भव सागर में मझधार में डूबी

तब याद तुहारी आई पार लगाओ मेरी नैया

जब कठिनाई सर पर हो तभी याद यदि किया |

सुख में ना याद किया प्रभु को

  दुख में पूजन अर्चन को याद किया 

तब क्यूँ प्रभू को दोष देते हो

अपनी गलती का अहसास करो  |

आशा सक्सेना

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

5 टिप्‍पणियां:

Your reply here: