13 मई, 2023

मन चाहे कितनी भी मनमानी करे






                                                                    मन चाहे कितनी भी

 मनमानी करे 

जीते हारे अपने विचारों में 

यह कोई अच्छी बात नहीं |

समाज में रहने से 

उसके अनुकूल चलने से 

कुछ तो सीखने को मिलता है |

कोई फैक  नहीं देता 

अपने विचारों को कुछ तो

समाज  मान्यता देता है 

धीरे धीरे प्रगति की और 

अपने आप  कदम  

बढ़ने लगते हैं

 यही क्या कम है|

आशा सक्सेना 

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