१-कितने स्वप्न
देखे हैं दिन ही मैं
समझ आई
२-ये सपने भी
कभी खोते जाते हैं
नहीं मिलते
३-जानते नहीं
उलझाते रहे है
बचाओ मुझे
४-प्यार से बंधे
इतने मजबूत
उसे जकडे
५-तेरा प्यारहै
इतना नाजुक कि
मोम जैसा है
आशा सक्सेना
सुन्दर हाइकु ! अंतिम हाइकु की पहली पंक्ति सुधार लें !
थैंक्स साधना टिप्पणी के लिए
हाईकू की जगह हाइकु कर लिया जाएसादर
बढ़िया हाइकु
बहुत सुन्दर ।
बेहद खूबसूरती से सजे अल्फाज़ ..हाइकू के...शानदार
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सुन्दर हाइकु ! अंतिम हाइकु की पहली पंक्ति सुधार लें !
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हटाएंहाईकू की जगह हाइकु कर लिया जाए
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया हाइकु
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरती से सजे अल्फाज़ ..हाइकू के...शानदार
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