06 मई, 2023

काश हमारे जीवन में

 

काश हमारे जीवन में

कुछ नया होता तो

 हम   सह्लेते

पर घुटने ना टेकते |

 यही आस्था है मन में

जता नहीं सकती सब को

यही समस्या है मेरी, किस को याद करू

कैसे उसे हल करू अपना मानूं |

 है यह मन चंचल का प्रताप

कभी सोच नहीं पाई

कोई हल नजर ना आया

कोई निष्कर्ष  निकाल  नहीं पाई |

मन में धैर्य का अभाव रहा

तभी नतीजा ना मिल पाया

इस धैर्य को कैसे प्राप्त करूं

किसे गुरू स्वीकारूं|

2 टिप्‍पणियां:

  1. स्वयं पर विश्वास रखिये और आत्मनिर्भर बनिए ! अपनी सहायता अपना मार्गदर्शन स्वविवेक से बढ़ कर और कोई नहीं कर सकता !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिये |

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