मेरी कविता ने अपना गम भूला
कुछ नया लिखने का मन हुआ
जब कलम उठाई उत्साह जाग्रत हुआ
यही समझ आया कभी तो सफलता मिलेगी|
अपने जीवन की रंगीनी उसमें डाली
यही किया अपने को व्यस्त करने के लिए
सब ने हतोत्साहित भी किया पर मैंने हार नहीं मानी
जिसने भी सलाह दी उस पर पूर्ण विचार किया
नवीन शब्दों का अर्थ खोजा
जो शब्द हनी से भी मीठा हो उसका ही उपयोग किया
मन लुभावन होने से आराम से उपयोग किया
यही चाह थी मन में पूरी सफलता पाई |
आशा सक्सेना
सुन्दर रचना ! बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए साधना
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