हर कार्य की सीमा होती है
मन को कब तक उलझा कर रखोगे
कभी तो वह समाप्त हो जाएगा
फिर कैसे अपने को व्यस्त रखोंगे |
कुछ कार्य तो होते आवश्यक
पर कुछ समय नष्ट करते
जिनमें व्यर्थ समय गवाया जाता
यदि उनमें व्यस्त रहे
कुछ भी ना
कर पाओगे
जीवन व्यर्थ समाप्त हो जाएगा |
कोई तुम्हें याद नहीं करेगा
जब दुनिया से उठ जाओगे
अच्छे कार्यों को समय समय पर
यदि किया जाए कोई नई बात नही होती
दुनिया से जाने पर भी याद किया जाता |
यही यादों में रह जाता
उसे याद करने का अवसर
कोई नहीं भूल पाता
उसे बार बार याद किया जाता |
आशा सक्सेना
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