आई वर्षा झूम झूम
बादल गरजे घटाएं छाई
बिजली कड़की
जब आपस में टकराए |
चारो ओए अन्धेरा छाया
मौसम में बड़ा
परिवर्तन आया
फिर हुई बूंदों की वर्षा |
हलकी सर्द हवा चली
कभी उमस बढ़ने लगी
आजोबोगरीब
मौसम हुआ |
प्रकृति ने बदला रूप
यही हम ने ध्यान से देखे
सारी धरती पर
कोई अनहोनी के संकेत मिले |
कभी समुद्र में तूफानी लहरे
आईं
लगता ग्लोबल वार्मिग का
असर हुआ तेज बारिश
बेमौसम आई
सब के मन में बेचैनी आई |
ऐसे परिवर्तन आए
फसलों को भी प्रभावित किया
किसी की फसल बिगड़ी
किसी के बीज
नहीं बोए गए |
सरकार भी कितनी
मदद करती
कभी बीज देती
कभी धन देती |
फिर भी यही रोना किसानों का
मंहगाई का
आम आदमी भी नहीं बचा इससे
घर कैसे चलाए
हुई कठिन समस्या |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: