उसने की भूल यही
उसने कोई गलत कार्य नहीं किया
यह सोचा नहीं किसी ने बताया भी
पर गंभीरता से विचार नहीं किया
उन लोगों ने भी उससे किनारा किया |
जब घर पर डाट पड़ी सब ने डराया
उसे अपनी गलती का अहसास हुआ
क्षमा मांगी सब से बार बार
यह किसकी गलती है खोजा नहीं |
आज तक अपनी भूल पर कायम रही
उसी कार्य पर अडिग रही
सब का समझाना व्यर्थ गया
जब उनका कहा नहीं माना
आगे से अब भूल नहीं होगी |
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद हरीश जी टिप्पणी के |लिए
हटाएंवाह! सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
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