21 अक्टूबर, 2023

बहती नदिया के साथ बहा

 


                                  बहती नदिया क साथ

बहती नदिया के साथ बहा

एक  छोटा सा तिनका घास का

कभी डूबता कभी उतराता

जीवन का आनंद भरपूर  लिया

वह  भूला नहीं नदी के किनारों को

जाने कहाँ कब भवसागर का छोर मिलेगा

वह हार नही मानेगा अंत तक

किनारा खोज कर ही दम लेगा |

आशा सक्सेना 


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