आज भुवन भास्कर
सुबह से है उत्साहित
सजाया सप्त अश्वों से रथ,
आसीन हो उस पर चले
दसों दिशाओं में भ्रमण किया
वही दिखा पूरा नजारा प्रकृति का
हरे भरे वृक्षों के सारे पत्ते
नहाए लहराए रश्मियों से
उनकी खुशी झलकी
उन पर पड़े हरे सुनहरे रंग से |
आसमान में उड़ते परिंदे
गीत गा दर्शाते अपनी खुशी
दादुर मोर पपीहा बोले
अपनी खुशी दर्शाई
उनकी खुशी में शामिल हुए
प्रकृति जीवंत हो गई
उन सब के चहकने से |
आशा सक्सेना
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