07 नवंबर, 2023

सपने

 

आज की रात सपनों ने डेरा डाला 

मेरी नींद पर जब तक दिन ना हुआ

सुबह होते ही वे कहाँ गुम हो गये

बहुत  खोजा मैंने पर असफल रही |

सब क्या क्यूँ कैसे  में उलझे रहे

 जिससे भी पूंछा कारण सपनों के आने का

सब ने गोलमाल  उत्तर दिया

मेरी क्षुधा कोई शांत न कर पाया |

मेरी बेचैनी इतनी बढी

कि डाक्टरों तक तारों तक जा पहुंची

जो लोग बहुत चिंता करते हैं

उनका  मन शांत नहीं रहता सपने देखते हैं | 

आशा सक्सेना 

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