कोरा कागज़ है मन मेरा
स्याही भी नहीं है लिखने को
पर चाहत है मन में आए
विचारों को कलमबद्ध करने की
कागज़ पर उतारने की |
कहीं यदि स्याही मिल पाई
यदि इसमें सफल हो पाई
मन में अपार शांती आएगी
मनोकामना पूर्ण हो जाएगी |
यदि ऐसा नहीं हो पाया
मन में बेचैनी बढ़ेगी
जीवन अधूरा रह जाएगा
कभी संतुष्ट न हो पाएगा |
स्याही न मिलने पर
कोई तो लेखनी मिलेगी
जिससे अपने भाव लिख कर
अधूरा स्वप्न पूरा हो पाएगा
|
आशा सक्सेना
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