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मनाने के लिये स्वागत की
तैयारे में
आने वाले वर्ष के स्वागत की मौज मस्ती में
कल सुबह तक नींद न आएगी खुमारी
रहेगी |
आज की रात आई है दो हजार
तेईस में
कल सुबह आएगी दो हजार चौबीस
में
हमारी नींद खुलेगी पूरे एक
साल बाद ने साल में
कल सुबह आदित्य अपने रथ पर हो सबार
घूमने निकलेगा देशाटन को
रश्मियाँ उसकी फैलेंगी
वृक्षों की पत्तियों पर
बहुत सुन्दर नजारा होगा बाग़ का
जितना सुन्दर सुवह का नजारा होगा
आज की रात बीतेगी नया साल
मनाने के लिये स्वागत की
तैयारे में
आने वाले वर्ष के स्वागत की मौज मस्ती में
कल सुबह तक नींद न आएगी खुमारी
रहेगी |
आज की रात आई है दो हजार
तेईस में
कल सुबह आएगी दो हजार चौबीस
में
हमारी नींद खुलेगी पूरे एक
साल बाद ने साल में
कल सुबह आदित्य अपने रथ पर हो सबार
घूमने निकलेगा देशाटन को
रश्मियाँ उसकी फैलेंगी वृक्षों की पत्तियों पर
बाग़ में फूल खिलेंगे सुरभी जाएगी दूर तक
माली की खुशी होगी दोगुनी |
आशा सक्सेना
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