11 जनवरी, 2024

कल का पर्व

 


आने को है संक्रांति पर्व

बच्चों में अभूतपूर्व उत्साह

पिछले सप्ताह ही डोर लाए

 लाए पतंग छोटी बड़ी रंग बिरंगी |

माझा सूता  जोत बांधी

 की तैयार पतंग

कल  सुवह से ही छत पर

जाकर उडाएगे पतंग

तरह तरह  की आवाज

छतों पर  सुनाई देंगी

वो काटा यह काटा, ढील दे,

पेच लड़ाएगे  जोर से |

 पतंग कटते ही 

आवाज उठेगी लाड़ी आई है

शोर भी गजब का होगा

 बच्चे किलकारी भरेंगे

अम्मा के बनाए

 लड्डुओं को खाएंगे

अपन मित्रों को खिलाएंगे |

मेरी पतंग अकेली 

जब उड़ान भरेगी ऊँचाई पर 

यदि काटी गई 

होगी विलीन नीलाम्बर में |

मन होगा उदास

 जब रह जाएगी अकेली 

बेग से नीचे गिरेगी 

 बच्चे कहेंगे हराया है |

आशा सक्सेना     

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