कला कौशल तुम्हारा
तस्वीर में रंग लाया
कुछ ही रंगों का उपयोग हुआ
पर वे रहे विशेष |
तस्वीर बनी बेहद सुन्दर
उसकी कोई सानी न थी
रंगों का अदभुद ताल मेल
किसी अन्य से न था |
अपने आप में दिखती सजीव सी
मानो बोल पड़ेगी अभी ही
दिखती सजींव सुन्दर जीवंत सी
फेलाती आकर्षण दूर तक |
आशा सक्सेना
तस्वीर की तरह कविता भी जीवंत हो उठी... बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंधन्यवाद संध्या जी टिप्पणी के लिए
हटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अभिलाषा जी
जवाब देंहटाएंआभार रवीन्दर जी सूचना के लिए
जवाब देंहटाएं