17 जनवरी, 2024

हाइकु

१-जिस दिन से
 यह खेल हुआ है
 मजा आया है 
 २-यह  जीवन 
 सीधी लकीर नहीं 
 कांटे हैं यहाँ
 ३- उलझन है 
 मार्ग सीधा नहीं है
 कोशिश करो 
 ४-सागर नहीं
 गहरा सरोबर 
 गहरी खाई 
 ५-कितना भय
 जल कलकल से
 भय ना कर
आशा सक्सेना

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