03 जनवरी, 2024

मैंनेअब सोच लिया है

मैंने तो  सोच लिया है 

मुझे क्या करना है 

क्या करना चाहिए 

क्यों नहीं करना चाहिए |

किसी से बैर नहीं  होने  से 

खुश हाल जिन्दगी जीना है 

किसी से बैर पाल कर क्या मिलेगा 

 होगा क्या मुझे मालूम है   |

यदि पूरा मालूम न भी हो 

कुछ तो जानकारी है अवश्य 

 कठिनाई से  कैसे दूर रहूँ 

क्या रखा है उलझनों में |

यदि उलझन से दूर रही 

 सही रूप रूप से जी पाऊँगी  

यदि सही रूप न जान सकी 

घुट घुट कर यूंही मर जाऊंगी  |

ईश्वर के नजदीक रही अगर 

कोई गलत राह नहीं चुनूंगी 

मिलेगी सही राह जब 

जीवन खुशियों से भर लूंगी |

आशा सक्सेना 

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