मैंने तो सोच लिया है
मुझे क्या करना है
क्या करना चाहिए
क्यों नहीं करना चाहिए |
किसी से बैर नहीं होने से
खुश हाल जिन्दगी जीना है
किसी से बैर पाल कर क्या मिलेगा
होगा क्या मुझे मालूम है |
यदि पूरा मालूम न भी हो
कुछ तो जानकारी है अवश्य
कठिनाई से कैसे दूर रहूँ
क्या रखा है उलझनों में |
यदि उलझन से दूर रही
सही रूप रूप से जी पाऊँगी
यदि सही रूप न जान सकी
घुट घुट कर यूंही मर जाऊंगी |
ईश्वर के नजदीक रही अगर
कोई गलत राह नहीं चुनूंगी
मिलेगी सही राह जब
जीवन खुशियों से भर लूंगी |
आशा सक्सेना
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